उत्तराखंड में मानसून की मार,5 जिलों में अलर्ट,166 सड़कें बन्द।
*उत्तराखंड - 31 अगस्त 2025*
उत्तराखंड में मानसून की बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश मुश्किलों का कारण बन रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। आज देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और बागेश्वर में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जिसमें गरज के साथ बिजली चमकने और तेज बारिश की संभावना है। सितंबर के पहले सप्ताह में बारिश सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है, जबकि अगले सप्ताह से इसमें कमी आ सकती है।
**पहाड़ों से मैदानों तक बारिश का प्रकोप**
राज्य के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बादल छाए हुए हैं, और रुक-रुक कर भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने देहरादून समेत पांच जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य पर्वतीय जिलों और उधम सिंह नगर में येलो अलर्ट लागू है। अगले तीन दिनों तक भारी बारिश का रेड अलर्ट भी जारी किया गया है।
**155 गांवों में बिजली ठप, बाढ़ का खतरा**
मौसम विभाग की हाइड्रो मेट शाखा ने आठ जिलों में बाढ़ की चेतावनी दी है। भारी बारिश के कारण मलबा गिरने से 166 सड़कें बंद हैं, और सात पुल बह गए हैं। आपदा के चलते 155 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित है। चमोली के नंदा नगर में बाजार मलबे की चपेट में आ गया, जिससे चार कमरे का एक मकान और चार गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। बाजार की 25 दुकानें भी खतरे में हैं।
**कुमाऊं में सड़कें बंद, मलारी हाईवे 56 घंटे बाद खुला**
कुमाऊं के दारमा और व्यास घाटियों का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है। तवा घाट-लिपुलेख और सोबला सड़कें पहाड़ी दरकने के कारण बंद हैं। चमोली में मलारी हाईवे को 56 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद खोला गया है। नंदा नगर में पाल पानी का जलस्तर बढ़ने से स्थिति और गंभीर हो गई है।
मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।

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