Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तारीख हुई घोषित,भक्तों की यात्रा पर लगेगा विराम

 गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तारीख हुई घोषित,भक्तों की यात्रा पर लगेगा विराम



उत्तराखंड के पौराणिक चारधामों में से दो प्रमुख धाम — गंगोत्री और यमुनोत्री — के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने की तिथियां घोषित कर दी गई हैं। परंपरा के अनुसार इस वर्ष 22 अक्टूबर को अन्नकूट पर्व के दिन गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 11:36 बजे बंद कर दिए जाएंगे। इसके अगले दिन, यानी 23 अक्टूबर को भैयादूज के अवसर पर यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे।

मंदिर समिति ने किया ऐलान

गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि नवरात्र की अष्टमी को गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकाला गया, जबकि नवमी के दिन यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने का समय निर्धारित किया गया। उन्होंने कहा कि यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और उसी के अनुसार इस बार भी निर्णय लिया गया है।

शीतकाल में पूजा स्थलों का निर्धारण

धामों के कपाट बंद होने के बाद परंपरा के मुताबिक गंगोत्री धाम की पूजा-अर्चना मुखबा गांव स्थित गंगा मंदिर में संपन्न होगी। इसी तरह यमुनोत्री धाम की मूर्तियों को शीतकाल में खरसाली गांव ले जाया जाएगा, जहां भक्त पूजा-अर्चना कर सकेंगे।

हिमालयी परंपरा और मौसम की चुनौती

अक्टूबर–नवंबर माह में हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो जाती है। कठिन मौसम और मार्ग अवरुद्ध होने के कारण धामों की यात्रा असंभव हो जाती है। इसी कारण हर वर्ष शीतकाल में कपाट बंद कर दिए जाते हैं और अगले वर्ष अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर कपाट पुनः खोले जाते हैं।

श्रद्धालुओं के लिए अंतिम अवसर

कपाट बंद होने की तिथियां तय हो जाने के बाद अब श्रद्धालु बड़ी संख्या में धामों के दर्शन के लिए पहुंचने लगे हैं। यात्रा सीजन के समाप्ति की ओर बढ़ते इस समय में मंदिरों में विशेष रौनक और भक्तिमय वातावरण देखने को मिल रहा है।

Post a Comment

0 Comments