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29 साल की वाणी की प्रेरक कहानी, बैंक की नौकरी छोड़कर मानसिक शांति को चुना

 29 साल की वाणी की प्रेरक कहानी, बैंक की नौकरी छोड़कर मानसिक शांति को चुना



मेरठ: 29 वर्षीय वाणी ने तीन साल पहले साल 2022 में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की मेरठ शाखा में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। आर्थिक स्थिरता और बेहतर जीवनशैली की गारंटी देने वाली इस नौकरी को वाणी ने महज तीन साल बाद अलविदा कह दिया। वाणी का कहना है कि भले ही इस नौकरी ने उन्हें आर्थिक आजादी और बेहतर जीवन स्तर प्रदान किया, लेकिन यह मानसिक रूप से थकाऊ और कृतघ्नता से भरा अनुभव था। उनकी यह कहानी आज उन लोगों के लिए प्रेरणा बन रही है जो नौकरी और मानसिक शांति के बीच संतुलन तलाश रहे हैं।

वाणी ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए बताया, "इस नौकरी से मुझे आर्थिक आजादी मिली और मेरा लिविंग स्टैंडर्ड बेहतर हुआ। लेकिन मेरा मन कभी शांत नहीं रहा। यह नौकरी मानसिक रूप से इतनी थकाने वाली थी कि मैं उस खुशमिजाज लड़की से चिड़चिड़ी हो गई थी, जो मैं पहले थी। मैं उस व्यक्ति से नफरत करने लगी थी, जो मैं बन रही थी।" वाणी की यह बातें उन कई युवाओं की कहानी को बयां करती हैं, जो कॉरपोरेट नौकरियों के दबाव और तनाव से जूझ रहे हैं।

मानसिक शांति को दी प्राथमिकता
वाणी ने अपने अनुभव के आधार पर एक बड़ा फैसला लिया और आर्थिक स्थिरता को छोड़कर मानसिक शांति को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा, "मैंने तय किया कि मानसिक शांति मेरे लिए आर्थिक स्थिरता से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। मैं अपने इस फैसले से किसी को हतोत्साहित नहीं करना चाहती, क्योंकि हर किसी का अनुभव अलग होता है। लेकिन मुझे अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है। उस जगह को छोड़ने के बाद जो खुशी और मानसिक शांति मुझे मिली, वह किसी भी पछतावे से कहीं ज्यादा मूल्यवान है।"

सोशल मीडिया पर चर्चा
वाणी के इस फैसले ने सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोरीं। कई यूजर्स ने उनकी हिम्मत की सराहना की, जबकि कुछ ने इस बात पर चर्चा शुरू की कि क्या आर्थिक स्थिरता के बिना मानसिक शांति संभव है। एक एक्स पोस्ट में एक यूजर ने लिखा, "वाणी की कहानी प्रेरक है। हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम वाकई उस जिंदगी को जी रहे हैं, जो हम चाहते हैं।" वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, "यह फैसला लेना आसान नहीं है, खासकर तब जब आप एक सुरक्षित नौकरी छोड़ रहे हों। लेकिन मानसिक शांति का कोई मोल नहीं।"

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