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उत्तराखंड विधानसभा मानसून सत्र 2025: गैरसैंण में हंगामे के बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

 गैरसैंण, 20 अगस्त 2025: 

उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन गैरसैंण के भराड़ीसैंण में विपक्ष के तीखे विरोध और हंगामे की भेंट चढ़ गया। सत्र के दौरान विपक्षी विधायकों, खासकर कांग्रेस के, ने पंचायत चुनावों में कथित धांधली, बिगड़ती कानून-व्यवस्था, नैनीताल के जिला अधिकारी (DM) के तबादले, SSP के निलंबन और कुछ मुकदमों की वापसी की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया। सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायकों की नारेबाजी और विधानसभा सचिव की मेज पलटने की घटना के बाद स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण को सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करनी पड़ी।



हंगामे की वजह और विपक्ष का रुख

सत्र के पहले दिन (19 अगस्त) से ही कांग्रेस ने पंचायत चुनावों में कथित अनियमितताओं और वोट चोरी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति अपनाई। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने नियम 310 के तहत तत्काल चर्चा की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि नैनीताल के DM और SSP ने चुनावों में पक्षपात किया, जिसके चलते उनकी तत्काल हटाने की मांग उठाई गई। कांग्रेस विधायक तिलक राज बीहर ने कहा, “राहुल गांधी जी ने कहा था कि ये वोट चोर हैं। उत्तराखंड में भी यही स्थिति है। पुलिस और प्रशासन ने पक्षपात किया।” विपक्ष ने आपदा प्रबंधन, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की।पहले दिन विपक्षी विधायकों ने रातभर सदन के भीतर धरना दिया, जिसमें कुछ विधायक गद्दे, चादर और रजाई लेकर सदन में रुके। यह उत्तराखंड विधानसभा के इतिहास में पहली बार देखा गया। कांग्रेस ने सड़कों पर भी आंदोलन की चेतावनी दी, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर धरना-प्रदर्शन की योजना है।

सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्ष के हंगामे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, “सदन जनता के मुद्दों पर चर्चा का मंच है, लेकिन विपक्ष केवल ड्रामा कर रहा है। हम हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं।” कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए कहा, “जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब उन्होंने कुछ नहीं किया। अब जनता ने उन्हें नकार दिया है, तो सड़क पर हंगामा कर रहे हैं।” संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष से विधेयकों पर रचनात्मक चर्चा की अपील की।



अनुपूरक बजट और विधेयक


19 अगस्त को सीएम धामी ने 5315.39 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया, जिसमें आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास पर जोर दिया गया। सत्र में 9 विधेयकों को पेश करने की योजना थी, जिनमें समान नागरिक संहिता (UCC) संशोधन विधेयक प्रमुख है। हालांकि, हंगामे के कारण दूसरे दिन इन पर चर्चा नहीं हो सकी। विधानसभा सचिवालय के अनुसार, 545 सवालों पर चर्चा की तैयारी थी, लेकिन प्रश्नकाल दोनों दिन ठप रहा।


निष्कर्ष 

उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 2025, जो 19 से 22 अगस्त तक गैरसैंण में प्रस्तावित था, दूसरे दिन ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। विपक्ष के हंगामे और रातभर धरने ने सत्र को पूरी तरह प्रभावित किया। अनुपूरक बजट और विधेयकों पर चर्चा अधूरी रह गई, जिससे सत्र का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका। अब सत्र के दोबारा शुरू होने की तारीख पर अनिश्चितता बनी हुई है।नोट: यह खबर वेब और X पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार की गई है। तथ्यों की पुष्टि के लिए आधिकारिक स्रोतों से संपर्क करें

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